जब भोजपुरी संगीत की बात होती है, तो रागिनी विश्वकर्मा का नाम अब एक जाना-पहचाना ब्रांड बन चुका है। बिहार और यूपी के गांव-गांव में उनकी आवाज़ की गूंज और डांस स्टेप्स की चर्चा होती है, लेकिन अब यही आवाज़ हनी सिंह के नए गाने ‘मैनिएक’ के जरिए बॉलीवुड के पर्दे पर छा गई है। आइए, जानते हैं कि कैसे इस भोजपुरी डिवा ने अपनी मेहनत और टैलेंट से संगीत की दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई और अब पैन-इंडिया लेवल पर छा रही हैं।
रागिनी विश्वकर्मा: भोजपुरी गाना की ‘कूलर वाली’ सनसनी
रागिनी का जन्म बिहार के एक छोटे से गांव में हुआ, लेकिन संगीत के प्रति उनका प्यार बचपन से ही उन्हें स्टेज पर ले आया। शुरुआत में लोकल फंक्शन्स और कम्युनिटी प्रोग्राम्स में गाने वाली रागिनी ने अपनी मधुर आवाज़ और भोजपुरी भाषा के प्रति गहरे जुड़ाव के दम पर धीरे-धीरे पॉपुलैरिटी पकड़ी।
2019 में उनका गाना ‘पंखा कूलर से न गर्मी बुझाला‘ वायरल हुआ, जिसने YouTube पर 95 लाख से ज़्यादा व्यूज कलेक्ट किए। यह गाना सिर्फ एक हिट ट्रैक नहीं, बल्कि भोजपुरी संस्कृति और आम जनता के जीवन को हंसी-मज़ाक के साथ पेश करने वाला एंथम बन गया। इसके बाद ‘जोड़ी बनल रहे दुल्हा दुल्हिन के’ और ‘प्यार में जीएसटी’ जैसे ट्रैक्स ने उन्हें भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री की टॉप सिंगरों में शामिल कर दिया।
हनी सिंह के ‘मैनिएक’ में क्यों है रागिनी का जादू?
हनी सिंह और बादशाह के बीच चल रही ‘रैप वॉर’ के बीच ‘मैनिएक’ गाने को लेकर काफी चर्चा है। लेकिन इस बार हनी ने सीधे डिस ट्रैक की जगह भोजपुरी के फ्लेवर से गाने को मसाला लगाया है। गाने में रागिनी की लाइनें “दिदिया के देवरा चढ़वले बाटे नजरी” और “हमारा बदन गरमा गइल साजन के ताकत से” एक ऐसी चिंगारी की तरह हैं, जो ट्रैक को देहाती चरचराहट और शहरी ग्लैमर का मिश्रण देती हैं।
यह स्ट्रेटेजी साफ दिखती है: हनी ने भोजपुरी ऑडियंस को टारगेट करते हुए गाने की रीच बढ़ाने का फैसला किया, और इसके लिए रागिनी से बेहतर कोई चॉइस नहीं हो सकती थी। 4 घंटे में 15 लाख व्यूज इस बात का सबूत हैं कि यह फॉर्मुला काम कर गया है।
रागिनी का बॉलीवुड में डेब्यू: क्या यह नई शुरुआत है?
रागिनी के लिए ‘मैनिएक’ सिर्फ एक कोलैबोरेशन नहीं, बल्कि मेनस्ट्रीम म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखने का गेटवे है। पवन सिंह के गाने ‘स्त्री 2’ की सफलता के बाद भोजपुरी आर्टिस्ट्स की डिमांड बढ़ी है। रागिनी का यह मौका उनकी मेहनत और टैलेंट को एक बड़े प्लेटफॉर्म पर ले जा सकता है। फैंस अब उनके और बॉलीवुड-हिंदी प्रोजेक्ट्स का इंतज़ार कर रहे हैं।
क्या कहती हैं रागिनी?
हाल ही में एक इंटरव्यू में रागिनी ने कहा, “भोजपुरी संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं, हमारी जड़ों की आवाज़ है। मुझे गर्व है कि मेरी आवाज़ अब देशभर के लोगों तक पहुंच रही है।” उनकी यही ऑथेंटिसिटी उन्हें मास अपील देती है।
फ्यूचर में क्या है?
रागिनी के पास भोजपुरी के अलावा हिंदी और पंजाबी प्रोजेक्ट्स की लाइनअप है। सोशल मीडिया पर उनके 5 लाख से ज़्यादा फॉलोअर्स उनके हर नए गाने का बेसब्री से इंतज़ार करते हैं। ‘मैनिएक’ की सफलता के बाद शायद हम जल्द ही उन्हें बड़े म्यूजिक लेबल्स और फिल्मों में देखेंगे।
निष्कर्ष:
हनी सिंह और बादशाह की रैप बीफ़ अब एक साइड स्टोरी है। असली हीरोइन तो वह भोजपुरी गर्ल है, जिसने अपनी आवाज़ से देश का दिल जीता है। रागिनी विश्वकर्मा का यह सफर साबित करता है कि टैलेंट और लोकल कल्चर की ताकत कभी फेल नहीं होती!